Paatal lok 2 review: शार्प और प्रभावशाली, जयदीप अहलावत और सुदीप शर्मा की टीम का एक और मास्टरपीस
जब हाथी राम चौधरी अपने थके हुए अंदाज में कहते हैं, “हम तो पाताल लोक के परमानेंट निवासी हैं,” तो यह सिर्फ एक डायलॉग नहीं, बल्कि दर्शकों को फिर से उस अंधेरी और गहरी दुनिया में ले जाने का तरीका है। और इस बार यह सफर पहले से भी ज्यादा रोमांचक और गहराई से भरा हुआ है।
एक बेंचमार्क शो की शानदार वापसी
2020 में रिलीज हुई पाताल लोक का पहला सीजन अपनी दमदार कहानी और किरदारों के लिए काफी चर्चित हुआ था। सुदीप शर्मा की लेखनी और अविनाश अरुण की निर्देशन ने पुलिस, अपराध और भ्रष्टाचार की दुनिया को एक अनोखे नजरिए से दिखाया था। जयदीप अहलावत का हाथी राम चौधरी का किरदार दर्शकों के दिल में बस गया था। अब, 5 साल बाद, इसका दूसरा सीजन आया है, जो और भी शार्प, लेयर्ड और प्रभावशाली है।
कहानी: हत्या, राजनीति और नॉर्थ-ईस्ट की जटिल दुनिया
इस बार कहानी नागालैंड के बैकग्राउंड में सेट की गई है। एक महत्वपूर्ण नागा नेता की दिल्ली के नागालैंड सदन में बेरहमी से हत्या हो जाती है। यह हत्या एक व्यापारिक सम्मेलन से जुड़ी है, जो नागालैंड के विकास के लिए अहम है। इसमें ड्रग्स, राजनीति और जातीय तनाव को भी बखूबी दिखाया गया है।
शो ने नॉर्थ-ईस्ट के लोगों की समस्याओं और उनके साथ होने वाले भेदभाव को बड़े ही ईमानदारी से दिखाया है। बाहरी-भीतरी बहस और नागालैंड की राजनीतिक जटिलताओं को कहानी का हिस्सा बनाया गया है। स्थानीय पुलिसकर्मी मेघना बरुआ (तिलोत्तमा शोम) और उनके सहयोगियों के माध्यम से कहानी को और अधिक वास्तविकता दी गई है।
शानदार किरदार और उनकी परफॉर्मेंस
- हाथी राम चौधरी (जयदीप अहलावत): जयदीप अहलावत का किरदार इस बार और भी दमदार और भावनात्मक है। उनकी एक्टिंग इतनी सशक्त है कि आप उनसे नज़रें नहीं हटा सकते।
- एसीपी इमरान अंसारी (ईश्वाक सिंह): पहले सीजन के ग्रीनहॉर्न एसीपी अब हाथी राम के सीनियर बन गए हैं। उनका किरदार ग्रोथ और परिपक्वता को बखूबी दिखाता है।
- मेघना बरुआ (तिलोत्तमा शोम): स्थानीय दृष्टिकोण को दर्शाने वाला यह किरदार कहानी को और गहराई देता है, लेकिन इसे और मजबूत बनाया जा सकता था।
- सहायक कलाकार, जैसे अनुराग अरोड़ा और निकिता ग्रोवर, अपने शानदार अभिनय से कहानी को और प्रभावी बनाते हैं।
नए लोकेशन के साथ-साथ नए चेहरे भी लाए गए हैं। जैसे, मरेनला इमसोंग का जंकी किरदार और जहानु बरुआ का अनुभवी नागा नेता। ये सब कहानी को और प्रामाणिक बनाते हैं।
मजबूत और कमजोर पहलू
मजबूत पहलू
- कहानी जो स्थानीय राजनीति और संस्कृति को सम्मान देती है।
- जयदीप अहलावत की दमदार परफॉर्मेंस।
- एक संतुलित कहानी, जो व्यक्तिगत और राजनीतिक संघर्षों को बखूबी दिखाती है।
कमजोर पहलू
- साउथ दिल्ली के नाइटक्लब का सबप्लॉट कुछ खास जरूरी नहीं लगता।
- तिलोत्तमा शोम के किरदार को और गहराई मिलनी चाहिए थी।
- कुछ कहानी के धागे अधूरे छोड़ दिए गए हैं।
अंतिम फैसला
पाताल लोक 2 एक बहादुर और मनोरंजक सीक्वल है, जो अपने जॉनर में नए मानक स्थापित करता है। सुदीप शर्मा और अविनाश अरुण की टीम ने एक ऐसा शो दिया है, जो आपको पूरी तरह बांधे रखता है।
2025 की शुरुआत में ही यह शो साल के सबसे बेहतरीन शोज़ में शामिल हो चुका है। अगर आप क्राइम थ्रिलर और राजनीतिक ड्रामा के फैन हैं, तो पाताल लोक 2 को मिस करना एक बड़ी गलती होगी।
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